आइये जानते हैं "मेवाड़ (राजस्थान) के चार धाम" के बारे में

मेवाड़ के चार धामों में श्रीनाथ जी (नाथद्वारा), एकलिंग जी (कैलाशपुरी), द्वारकाधीश (कांकरोली) एवं चारभुजा (गढबोर) है ।

श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान)

मेवाड़ का यह तीर्थ श्रीनाथजी हिन्दुओ एवं वैष्णवों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। श्रीनाथ जी भगवान श्री कृष्ण के एक रूप का प्रतीक हैं।  

श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान)

यह तीर्थ उदयपुर शहर से 49 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित नाथद्वारा में स्थित है। श्री चारभुजा जी की मूर्ति 85 सेंटीमीटर ऊँची है।  

श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान)

          मंदिर का समय: मंगला 05:00,   श्रंगार 07:15, ग्वाल 09:10,  राजभोग 11:10  उत्थापन 15:45, भोग 16:30, आरती 17:00,   शायन 18:45  

श्री एकलिंगजी मंदिर, कैलाशपुरी, उदयपुर  

यह एकलिंगजी (कैलाशपुरी) शहर में स्थित है जो उदयपुर से लगभग 18 किलोमीटर दूर है। एकलिंगनाथ मंदिर हिंदू धर्म के भगवान शिव को समर्पित है।  

श्री एकलिंगजी मंदिर, कैलाशपुरी, उदयपुर  

जनश्रुति के अनुसार इसका निर्माण राजपूत राजा और मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल ने आठवीं शताब्दी के लगभग करवाया था। 

श्री एकलिंगजी मंदिर, कैलाशपुरी, उदयपुर  

एकलिंगजी मंदिर का समय: 1.     प्रातः 4:30 -6:30 2. प्रातः 10:30-1:30    अपराह्न 3. शाम 5:30-8:00 बजे तक

कांकरोली का द्वारकाधीश मंदिर (राजस्थान)   

मेवाड़ का यह तीर्थ उदयपुर शहर से 65 किलोमीटर की दूरी पर कांकरोली शहर में प्रसिद्ध राजसमंद झील के तट पर स्थित है। 

कांकरोली का द्वारकाधीश मंदिर (राजस्थान)   

इस मंदिर को 'कांकरोली मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण का एक नाम है। 

कांकरोली का द्वारकाधीश मंदिर (राजस्थान)   

          मंदिर का समय: मंगला 07:00, श्रंगार प्रातः 08:15, ग्वाल 09:15, राजभोग 10:30 , उत्थापन 16:00, भोग 16:40 , आरती 17:15 बजे, शयन 19:00 

गढ़बोर का चारभुजा जी मंदिर, राजसमंद (राजस्थान)    

मेवाड़ का यह तीर्थ राजसमंद जिले की कुंभलगढ़ तहसील के गढ़बोर गांव में स्थित है। 

गढ़बोर का चारभुजा जी मंदिर, राजसमंद (राजस्थान)    

यहाँ भगवान विष्णु का एक प्रसिद्ध मंदिर है।   श्री चारभुजा जी की मूर्ति 85 सेंटीमीटर ऊँची है। 

गढ़बोर का चारभुजा जी मंदिर, राजसमंद (राजस्थान)    

          मंदिर का समय मंगला 05:30-06:30, ग्वाल 08:15-11:00, राजभोग 11:30-03:45, उत्थापन 16:00 , आरती 19:00 , शयन 08:45-10:00